हाँ खुल के मुस्कुराइये, महफ़िल की रात है,
ग़म सारे भूल जाइये, महफ़िल की रात है,
दामन मुंई तन्हाई से, अब तो छुड़ाइये,
बांहे ज़रा फ़ैलाइये, महफ़िल की रात है..
मुद्दत हुई जिनसे मिले, उनको बुलाइये,
यारों के साथ बैठिए, किस्से सुनाइये,
फिर जाम कुछ लड़ाइये, महफ़िल की रात है,
फिर होश कुछ गंवांइये, महफ़िल की रात है..
दिल की शमां को फिरसे यूं, रौशन बनाइये,
जो याद खुशी रोकती हैं, सब जलाइये,
धुंए में सब उड़ाइये, महफ़िल की रात है,
बस पीते चले जाइये, महफ़िल की रात है..
ग़म सारे भूल जाइये, महफ़िल की रात है..
अब खुल के मुस्कुराइये, महफ़िल की रात है,