है-दिल-में-आग, धुआं आँख से छटे कैसे,
थमा है-वक़्त, आज रात ये कटे कैसे..
ना जाने कब से चाँद, एक जगह ठहरा है,
मैं तारे कैसे गिनूं, बादलों का पहरा है,
कोई भी शोर नहीं, ध्यान ही बटे कैसे,
थमा है वक़्त, आज रात ये कटे कैसे..
कोई जुगनूं भी नहीं दूर तक नज़र आता,
है एक तन्हाई, दूसरा है सन्नाटा,
है होड़ दोनो में, पीछे इक हटे कैसे,
थमा है वक़्त, आज रात ये कटे कैसे..
कोई तो आए, कहीं से भी हो ज़माने में,
हो वो अन्जाने में, या मेरे पहचाने में,
ना मुझसे पूछ, ढूंढता हूं आहटें कैसे,
थमा है वक़्त, आज रात ये कटे कैसे..
है बस उम्मीद यही, ग़र मेरा सपना होगा,
तो जल्द टूट जाएगा, नहीं अपना होगा,
है डर के सच ना हो ये, बदलूं करवटें कैसे,
थमा है वक़्त, आज रात ये कटे कैसे..
है दिल में आग, धुआं आँख से हटे कैसे,
थमा है वक़्त, आज रात ये कटे कैसे..
hey Adi.....
ReplyDeleteIt is great as usual ... amazing!!!!!
keep writing and all d very best .....
thanks..
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