Pal-Chhin
The Moments Of Life...
Friday, September 9, 2011
शुक्र है..शुक्रवार है..#20
नई सी अब कोई भी आरज़ू, दिल में नहीं खिलती,
मुझे भूसे में ग़म के, खुशियों की सूंई नहीं मिलती,
बहुत कोशिश की मैने, ये जहां पर ना समझ आया,
पिला तू और साक़ी, होश में दुनिया नहीं झिलती..
1 comment:
नीरज द्विवेदी
September 9, 2011 at 9:34 PM
wah bhai...
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