Friday, December 16, 2011

शुक्र है..शुक्रवार है..#28


फिर सब साथ में आओ यारों,
जाम से जाम लड़ाओ यारों,
जहां ठहरा हुआ है आज भी दिल,
वापस वक़्त वो लाओ यारों..

मैं हंसते-हंसते रो पड़ूं फिर से,
बेहुदा बात पे अड़ूं फिर से,
नए कुछ किस्से बनाओ यारों,
वापस वक़्त वो लाओ यारों..

ज़रा कुछ जोश सा मुझमें भर दो,
ज़रा बेहोश सा मुझको कर दो,
मुझे फिर मुझसे मिलाओ यारों,
वापस वक़्त वो लाओ यारों..

ना ग़म हो, ना हो ग़म की कोई ख़बर,
ना हो बहके हुए क़दमों की फ़िक़र,
मुझे फिर इतनी पिलाओ यारों,
वापस वक़्त वो लाओ यारों..

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