घुमाएं गर नज़र हालात पर दिखता समां क्या है,
ज़रा दिल को सुकूं जो दे सके, ऐसा यहाँ क्या है..
धरम-मज़हब का सब ले नाम,बैठे हैं बने दुश्मन,
सभी ग्रंथों में, गीता में, क़ुरानों में लिखा क्या है..
अगर वादे ना दे झूठे, ना लूटे देश को हर पल,
जो ना चाहे अलग टुकड़ा, वो नेता ही भला क्या है..
है दी बेईमान को ताकत, तो निर्बल साफ-दिल सब ही,
ख़ुदा से ही करें शिकवा, तो फिर इसमें गिला क्या है..
भलाई को उठी आवाज़, बस दबती कुचलती है,
ना सच्ची भी हो गर पूरी, दुआ का फायदा क्या है..
मगर डर के ना बैठो चुप, उठो आगे बढ़ो यारों..
रुके अंजाम से पहले, तो उस आग़ाज़ का क्या है..
के अपने हैं नहीं जिनके, उन्हे अपना बनाओ तुम,
गंवां दी पेट बस भरते हुये, वो जाँ भला क्या है..
जवानी दी लुटा गर इश्क़ पर, तो फ़क्र क्या करना,
जो कट ना पाए ख़ातिर देश की, वो सर भला क्या है..
सुलगती आग नीचे, हो भले पानी, उबलता है,
ये घर है राख होता, हो गरम ना, वो लहू क्या है..!!
ज़रा दिल को सुकूं जो दे सके, ऐसा यहाँ क्या है..
धरम-मज़हब का सब ले नाम,बैठे हैं बने दुश्मन,
सभी ग्रंथों में, गीता में, क़ुरानों में लिखा क्या है..
अगर वादे ना दे झूठे, ना लूटे देश को हर पल,
जो ना चाहे अलग टुकड़ा, वो नेता ही भला क्या है..
है दी बेईमान को ताकत, तो निर्बल साफ-दिल सब ही,
ख़ुदा से ही करें शिकवा, तो फिर इसमें गिला क्या है..
भलाई को उठी आवाज़, बस दबती कुचलती है,
ना सच्ची भी हो गर पूरी, दुआ का फायदा क्या है..
मगर डर के ना बैठो चुप, उठो आगे बढ़ो यारों..
रुके अंजाम से पहले, तो उस आग़ाज़ का क्या है..
के अपने हैं नहीं जिनके, उन्हे अपना बनाओ तुम,
गंवां दी पेट बस भरते हुये, वो जाँ भला क्या है..
जवानी दी लुटा गर इश्क़ पर, तो फ़क्र क्या करना,
जो कट ना पाए ख़ातिर देश की, वो सर भला क्या है..
सुलगती आग नीचे, हो भले पानी, उबलता है,
ये घर है राख होता, हो गरम ना, वो लहू क्या है..!!
आदित्य जी,
ReplyDeleteबात पहुँची तो सही है देखिये आगे
खुमार ठहरता कितना असर होता है क्या
पहले शे’र में काफिया जरूर थोड़ा ठीक सा नही लगा है, लेकिन गज़ल अपना असर छोड़ती जरूर है।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
मगर डर के ना बैठो चुप, उठो आगे बढ़ो यारों..
ReplyDeleteरुके अंजाम से पहले, तो उस आग़ाज़ का क्या है..
खुबसूरत गज़ल हर शेर दाद के क़ाबिल, मुबारक हो
@ मुकेश जी : प्रोत्साहन के लिये शुक्रिया... अगली रचना में और अधिक प्रयास करूंगा..
ReplyDelete@ सुनील जी : शुक्रिया .. मुझे खुशी है कि आपको पसंद आई..
Shukriya mithilesh ji..
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