दिलको जो धड़कन दे मेरे, कोई बात तू वो बन,
ना बात का बस, हो मुकम्मल, साथ तू वो बन..
बरसों से धोखा खाते आए, मन मेरा और मैं,
जो रात में भी साथ दे, परछाई तू वो बन..
हैं पैर तो छोटे, मगर चादर सिकुड़ती है,
आशाओं के पर खोल दे, महताब तू वो बन..
करते रहे औरों पे तो, ख़ुद पे यकीं टूटा,
मुझमे जो वापस दे यकीं, हमराज़ तू वो बन..
बन यार मेरे सामने, पीछे से है लूटा,
जो ख़ैर को मेरी चले, तलवार तू वो बन..
ये छेद मेरी नाव के, गिनते नही बनते,
तूफां से ख़ुद जो पार दे, मझधार तू वो बन..
मुश्किल लगे कुछ गर, तो मुझको छोड़ दे जा तू,
दिल से किसी, नफ़रत मिटाए, प्यार तू वो बन.. !!
ना बात का बस, हो मुकम्मल, साथ तू वो बन..
बरसों से धोखा खाते आए, मन मेरा और मैं,
जो रात में भी साथ दे, परछाई तू वो बन..
हैं पैर तो छोटे, मगर चादर सिकुड़ती है,
आशाओं के पर खोल दे, महताब तू वो बन..
करते रहे औरों पे तो, ख़ुद पे यकीं टूटा,
मुझमे जो वापस दे यकीं, हमराज़ तू वो बन..
बन यार मेरे सामने, पीछे से है लूटा,
जो ख़ैर को मेरी चले, तलवार तू वो बन..
ये छेद मेरी नाव के, गिनते नही बनते,
तूफां से ख़ुद जो पार दे, मझधार तू वो बन..
मुश्किल लगे कुछ गर, तो मुझको छोड़ दे जा तू,
दिल से किसी, नफ़रत मिटाए, प्यार तू वो बन.. !!
मुकम्मल गजल। आभार।
ReplyDeletesunder rachna
ReplyDeleteBahut Bahut shukriya ..:)
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