वो बचपन के ख़ज़ाने का बक्सा…
क्या क्या नहीं था उसमें,
वो 1 आने, 2 पैसे के सिक्के,
वो आइस-क्रीम की डंडियों का पेन स्टैण्ड,
च्वींग गम के साथ मिले क्रिकेट कार्ड,
रसना के डिब्बे में निकले रबर के कीड़े मकोड़े,
मेले से खरीदा हुआ 10 तरह की आवाज़ निकालने वाला खिलौना,
किसी जिगरी दोस्त का दिया, हाथ से बनाया हुआ, नए साल का कार्ड,
वो गलियों की मिट्टी में जीते हुए कंचे,
वो टूटे हुए गुड्डे का सर,
रंगीन पन्नो वाली छोटी सी डयरी,
बूमर के 100 छिलके इकट्ठे करके मिला वो ईनाम,
चाचा-भतीजा चूरन का वो पैकेट,
पहला बटुआ,
एक सूखा हुआ पता,
एक पुरानी कैमरे की रील,
हिलाने पर 2 तस्वीरें दिखाने वाला मिकी माउस का स्टीकर,
एक काँच का, और एक लकड़ी का पेन,
कागज़ का बनाया हुआ मेंढ़क,
टूटी हुई ऑडियो केसट का एक चक्कर,
स्पीकर को तोड़कर निकाली हुई चुम्बक,
लाल इंक से निशान बना कर घेरा हुआ-
-दो रुपये के नोट पर नीले बिन्दुओं के बीच लिखा हुआ P.B.C. ,
वो महंगी वाली लम्बी रबर, जो कभी इस्तेमाल ही नहीं की,
पहले पोस्टर कलर के रंगों की शीशी,
भगवान जी की तस्वीर,
और बचपन की लिखी वो पहली कविता...
तब से आज तक,
बहुत सी कीमती चीज़ें आई ज़िन्दगी में,
पर कोई इतनी अनमोल नहीं हुई-
-कि उस बचपन के ख़ज़ाने के बक्से में जगह बना पाए...
बहुत खूब!
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है।
सादर
Bahut bahut shukriya sir.. Mujhe khushi hai ki apko pasand aaya.. :)
Deleteवाह! बहुत बढ़िया| और सही भी तो है|
ReplyDeleteDhanyavaad.. Bachpan ki cheezein sahi thi bas.. ab to sab kuch galat hi lagta hai..
Deleteसच में बचपन का खज़ाना अमोल होता है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteBahut bahut shukriya sir.. :)
Deleteइनमे से प्रत्येक चीज मेरे भी बक्से में थी....
ReplyDeleteप्रत्येक पंक्तिया जेसे मेरे ही बच्चपन की अनमोल चीजो की याद दिला रही हो....बहुत खूब..
आभार |
Dhanyawad sir.. mujhe khushi hai ki aapki kuch achhi yaado ko taazaa kar paaya.. :)
DeleteBehad sundar nazm...bachpan kayi saari cheezien, yaadein aur mohbbat samete huye
ReplyDeletePyaari rachna
bahut bahut shukriya :)
DeleteNice composition... i had no box but a bag.. and could relate to most of them.. :D
ReplyDeleteThanks a lot sir.. bag or box doesn't matter much.. the important task is to keep the treasure safe :D
DeleteBahut bahut dhayawaad sir.. :)
ReplyDeleteप्यारी बातें बचपन की......
ReplyDeleteShukriya..:)
Deleteloved it... :)
ReplyDeleteThnks a lot buddy.. :)
Deleteदिल छु गई आज आपकी यह रचना आपके ब्लॉग पर आना सार्थक सिद्ध हुआ आभार बेहतरीन अभिवयक्ति यह वो खजाना है जिसके आगे दुनिया भर के हीरे जवाहरात भी बहुत मामूली सी बातें है
ReplyDeleteBahut bahut dhanyawad pallavi ji..:)
Deleteबहुत सुन्दर सृजन , बधाई.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारकर अपना स्नेहाशीष प्रदान करें.
Dhanyawad sir.. :)
Deletebahut acha. how to join
ReplyDeletehere
Thanks. It wud be better if i cud know who u r. :)
DeleteU can join by following the my blog. :)