उसे यकीं है, सच्चा इश्क़ बस वहम है कोई,
हमें इक बार आज़माए, तो कुछ बात बने..
जिसे रुहानी मोहब्बत पे हो, यकीं बाक़ी,
वो मेरे यार से फ़र्माए, तो कुछ बात बने..
वो आए और नमक लगाए, मेरे ज़ख़्मो पे,
लगाए, ख़ुद ही तिल्मिलाए, तो कुछ बात बने..
वो जिसके पास हो जवाब, सब सवालों का,
मेरी बातों पे सर खुजाए, तो कुछ बात बने..
ये दिल की आग है, पानी से भला बुझती है,
ये आग प्यार से बुझाए, तो कुछ बात बने..
लो फिर से छाई घटा, फिर वही ग़रीब की आह,
जो अबके रोटियां बरसाए, तो कुछ बात बने..
जो कहता है, के कोई चीज़ नहीं नामुमकिन,
वो इश्क़ दिल में जो जगाए, तो कुछ बात बने..
मेरी तो आदत है, रोज़ उसपे मरने की,
कभी वो मुझपे जां लुटाए, तो कुछ बात बने..
जो सूरमा हो, तीस मार खां हो, सबसे बड़ा,
मेरे दिल से उसे हटाए, तो कछ बात बने..
यूं मंदिरों में लगाने से भोग, क्या हासिल,
किसी भूखे को कुछ खिलाए, तो कुछ बात बने..