Friday, May 6, 2011

शुक्र है..शुक्रवार है..#9


हैं जब नाकाम होती कोशिशें सब, दुख भुलाने की,
तड़पते टूटते ख़्वाबो से, दिल के पार पाने की,
है बस ये ही सहारा देती खुलकर, रूह में घुलकर,
बड़ी आदत पुरानी मय की, ग़म में काम आने की.. !!

1 comment: