Tuesday, March 22, 2011

यादों से तेरी इश्क़ करता हूं..



ना जाती है जो आती है, मेरे दिल को दुखाती है,
लहू आँखों से बहता है, जो तेरी याद आती है..

बता ऐसा करूं मैं क्या, मेरे दिल को सकूं आए,
तू जितना दूर जाती है, ये उतना पास आती है..

कोई कोना नहीं दिल का, ना जिसमें दर्द होता हो,
गुज़रती है जिधर से भी, उधर से काट जाती है..

तुझे कितना बुलाया, पर असर, तुझपर नहीं कोई,
इसे कितनी दफ़ा भेजा, ये फिर भी लौट आती है..

ना इक पूरा किया तूने, थे जितने भी किए वादे,
मैं ना भी चाहूं, तो भी ये, किये सारे निभाती है..

बड़े कम थे हसीं लम्हे, जो तेरे साथ में गुज़रे,
हुई मुद्दत, ये हर धड़कन ही मेरे संग बिताती है..

तुझे मुझमें ख़राबी ही नज़र आती थी हर कोई,
इसे इतनी मोहब्बत, के रगों में दौड़ जाती है..

मैं तुझको भूल के, यादों से तेरी इश्क़ करता हूं,
के अब तो याद आती है, तो मुझको सांस आती है..

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