Saturday, March 5, 2011

मेरा इश्क है सच्चा...




कोई भी रास्ता दिखता नहीं, अब पार पाने को,
वो लड़ते ही कुछ ऐसे हैं, कि दिल हो हार जाने को..

है उनके हुस्न के जादू का, कुछ चर्चा गरम ऐसा,
सुना है कब्र से उठ आये कुछ, दीदार पाने को..

उतरते हैं वो कुछ ऐसी अदाओं से, ज़हन में कि,
नहीं तैयार कोई, बन के पहरेदार आने को..

जो कहते थे, नहीं फूलों से बेहतर और है खुश्बू,
दुआ करते हैं फिर उनकी महक, इक बार पाने को..

के उनकी इक झलक पे दम निकलता, सांस रुकती है,
वो क़ातिल हों तो हम राज़ी हैं, मर सौ बार जाने को..

उन्हे बस ये यकीं आए, कि मेरा इश्क है सच्चा,
भले ना आरज़ू पूरी हो, उनका प्यार पाने को..

सभी कहते हैं, हमने ज़िन्दगी बर्बाद कर डाली,
हमें अरमान फिर भी, ये जनम हर बार पाने को..!!

8 comments:

  1. अच्‍छी प्रस्‍तुति।
    भावनाओं का खूबसूरत चित्रण।

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  2. बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|

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  3. सम्मानित ब्लोगर बन्धु, ब्लोगिंग के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनायें... "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" हिंदी ब्लोगरो में प्रेम, भाईचारा, आपसी सौहार्द, के साथ हिंदी ब्लोगिंग को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्पित है.....यह ब्लॉग विश्व के हर कोने में रहने वाले भारतियों का स्वागत करता है. आपसे अनुरोध है की आप इस "मंच" के "अनुसरणकर्ता" {followers} बनकर योगदान करें. मौजूदा समय में यह मंच लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया है. जिसमे आप भी भाग ले सकते है.
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  4. सभी का बहुत बहुत धन्यवाद..

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  5. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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