Friday, February 10, 2012

शुक्र है..शुक्रवार है..#35__(बुरी शराब नहीं है, बुरा तो आदमी है..)


बुराई मुझमें भी है, तुझमें भी है, क्या कमी है,
बुरी शराब नहीं है, बुरा तो आदमी है..

जो नहीं पीता, क्या कुछ बुरा नहीं करता,
ख़ता नहीं करता, क्या गुनाह नहीं करता,
बिना पिए करे कोई, तो कुछ भी लाज़मी है,
कोई पीके भला भी ग़र करे, तो ज़ोख़िमी है..
बुरी शराब नहीं है, बुरा तो..

जो लखपती हैं, वो चिल्लर चढ़ाके भक्त हुए,
जो ग़रीबों को नोट दे गए, कम्बख़्त हुए,
है नशा जिनको दौलतों का, वही ज़ालिमी हैं,
शराब हाथ में, तो पैर के तले ज़मी है,
बुरी शराब नहीं है, बुरा तो..

किसी का दर्द बांटना, या दर्द पहुंचाना,
किसी गिरे को हाथ देना, या के मुस्काना,
होश में तो हंसी बेबसी पे, शबनमी है,
नशे में वो भी ख़ाक है, जो आँख में नमी है,
बुरी शराब नहीं है, बुरा तो..

मज़हब के नाम पे ठग भी ले कोई, तो भला है,
कोई जो मुफ़्त में बांटे खुशी, तो मनचला है,
कोई फ़तवा हो अग़र क़्त्ल का भी, तो अमी है,
हो जाम हाथ में, तो अर्ज़ियां भी हाक़मी हैं,
बुरी शराब नहीं है, बुरा तो..

बुराई मुझमें भी है, तुझमें भी है, क्या कमी है,
बुरी शराब नहीं है, बुरा तो आदमी है..

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लाज़मी -> Justified/Essential || ज़ोख़िमी -> Risky
शबनमी -> Sparkling || अमी -> Nector/Pious
अर्ज़ियां -> Requests || हाक़मी -> Ordered (Forcibly)
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28 comments:

  1. bahut kuch keh agye... good

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  2. बहुत खूब..
    सोलह आने सच..

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  3. Speechless...:)just awesome...:)

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  4. Speechless...:)just awesome...:)

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  5. बहतरीन ...बुरा तो शायद कुछ नहीं है अगर कुछ बुरा है तो कमबख़्त आदमी है ...:))

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  6. shandar bahut khoob
    wah
    drivingwithpen.blogspot.com

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  7. एकदम सही बात....
    शानदार रचना....

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  8. सरल और प्रभावी पंक्तियां । शैली मौलिक और दिलचस्प है ।

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  9. bahut hi sundar rachana adity ji .....apko hardik badhai.

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  10. Replies
    1. Ye hi to log samajhte nahi hai. par humari koshish jaari hai :D

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  11. ग़ालिब की गजल है ये, है जिगर की महबूबा
    मोमिन की माशूका है, आदम की दीवानगी है !
    जेहन में रक्स करती इक महज़बीं है !!

    शायर का इल्म है ये, है हिज्र की दवा
    शाम की दुआ है, बेचैन रूह की तिश्नगी है !
    जेहन में रक्स करती इक महज़बीं है !!
    .......................................................
    .......................................................
    अभी शराब पे लिखना शुरू ही किया था की आपको पढ़ बैठे ... मजा आ गया !!

    अच्छे-बुरे का फर्क ये करती नहीं है
    सच बोलने से भी ये डरती नहीं है
    बुरी शराब नहीं बुरा तो आदमी है !!

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