बहुत असान है, ईमान बेच कर पैसा,
कोई इज़्ज़त ज़रा कमाए, तो कुछ बात बने..
वो कसम खाके कहे, इश्क़ नहीं है मुझसे,
और मेरी ही कसम खाए, तो कुछ बात बने..
मेरे आगे, वो गालियां दे मुझे, जी भर के,
और पीछे से दे दुआएं, तो कुछ बात बने..
कोई इल्ज़ाम जो मुझपे, लगाए इश्क मेरा,
मेरे ही क्त्ल का लगाए, तो कुछ बात बने..
जिसे अपना समझा, सब उसी ने ज़ख़्म दिए,
कोई अब ग़ैर ही अपनाए, तो कुछ बात बने..
मेरे इज़हार की ग़ज़ल को, बताकर अपनी,
वो किसी और को सुनाए, तो कुछ बात बने..
के बदल जाए, हाथापाई में, तू-तू मैं-मैं,
बात इतनी कोई बढ़ाए, तो कुछ बात बने..
वो जागते हुए तो सच को छुपा लेता है,
जो नींद में ना बड़बड़ाए, तो कुछ बात बने..
सफ़र में दस ही कदम, नौ तो बड़े जम के रखे,
जो आखिरी ना डगमगाए, तो कुछ बात बने..
मैं उसको चाहूं, और वो चाहे और को, उस पर,
ख़त भी मुझसे ही लिखवाए, तो कुछ बात बने..
your writings are just awesome...and now u have got one more name in the list of your fans...:):)
ReplyDeleteThankuu so much Brindle..
Deletei m feeling honored.. :D
बहुत बढ़िया।
ReplyDeletebahut bahut shukriya sir.. :)
Deleteबहुत अच्छी बात... हर बात में बात है...
ReplyDeleteShukriya sandhya ji..
DeleteBas baatein hi to hoti hai likhne wale k paas.. aur hota hi kya hai.. :)
Welcome to www.funandlearns.com
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बहुत सुन्दर गज़ल...सभी शेर अच्छे...
ReplyDeleteअच्छा लगा आपका ब्लॉग...
आज से फोलो करती हूँ...
आशा है भविष्य में भी अच्छा पढ़ने मिलता रहेगा.
शुभकामनाएँ.
Bahut bahut shukriya vidya ji.. :)
Deleteआप यक़ीनन बहुत बढ़िया लिखते हैं...लिखते रहें...बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteनीरज
Bahut bahut dhanyawad sir.. :)
DeleteNaukri se jaldi wapis aaunga sir aur zaroor shamil hounga.. :D
ReplyDeleteShaamil karne k liye bahut bahut shukriya sir.. :)
बहुत खूब!
ReplyDeleteDhanyawad Anupama ji :)
Deleteजो आखिरी कदम न डगमगाए, तो कुछ बात बने!
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया रचना!
Bahut bahut shukriya Madhuresh ji :)
Deleteईमान बेच धन कमा लिया, क्या बात हुई
ReplyDeleteइज्जत को कमा के दिखलाओ, क्या बात कही
वो खाके कसम कहें इश्क नहीं, क्या बात हुई
फिर खाके कसम वो दिखलायें, क्या बात कही........
कमाल की रचना है आपकी, बहुत ही सुन्दर तरीका
Bahut bahut shukriya sir ;)
Deletesabhi sher kabile tareef hain...pahla aur antim to ...lajabaab hain.
ReplyDeleteBahut bahut dhanyawad Rakesh ji :)
Deleteबढ़िया गज़ल
ReplyDeleteShukriya nidhi ji :)
Deleteवाह ...बहुत खूब बेमिसाल लिखा है आपने ...
ReplyDeleteBahut bahut shukriya apka :)
Deleteबहुत बढ़िया...
ReplyDeleteDhanyawaad sirji :)
Deleteसारे ही बहुत अच्छे ,पहला और तीसरा बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteBahut bahut shukriya apka..
Deletemujhe khushi hai ki apko pasand aaye.. :)
सुन्दर प्रस्तुति ... हर शेर लाजवाब .
ReplyDeleteBahut bahut dhanyawaad Sangeeta ji :)
Deletebahut hi sundar aur acche srujan hai
ReplyDeleteBahut bahut shukriya Reena ji :)
Deleteकहने को सो जाता हूँ...वाह!! अच्छा लिखा है.
ReplyDeleteShukriya Nidhi ji..
DeleteYe comment shayad doorsi post k liye tha.. bhool se yahan daal diya aapne :)
mujhe khushi hai ki apko pasand aai rachna..:)
behadkhuboorat aur imaandar rachna
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