Friday, July 29, 2011

शुक्र है..शुक्रवार है..#18



इसलिए पीता हूं, के खुल के तुझे याद कर सकूं,
वो बीते लम्हे, फिर से यादों में आबाद कर सकूं,
नहीं मुमकिन ख़ुदा से मांग लूं तुझको, मैं होश में,
इसलिए पीता हूं, के खुल के मैं फ़रियाद कर सकूं..

3 comments:

  1. peene ke liye koi to bahana chahiye

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  2. Wah bhai ... इसलिए पीता हूं, के खुल के मैं फ़रियाद कर सकूं..

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