तू क्या छोड़ेगी मुझको, मैं ही तुझको छोड़ जाऊंगा,
यकीं टूटा है मेरा, ख़्वाब तेरे, तोड़ जाऊंगा,
भुला दूंगा तुझे मैं, और तुझसे इश्क़ को भी हाँ,
जिसे टुकड़े किया तूने, उसे भी जोड़ जाऊंगा..
जो वादे थे किये मुझसे, ना उनकी आस रखूंगा,
गुज़ारे संग जो, ना इक भी लम्हा ख़ास रखूंगा,
ये ना तू सोचना, के सोच तुझको, आएंगे आँसू,
रहा गर मैं दुखी, तो ग़म तेरे भी पास रखूंगा..
बड़ा तड़पा हूँ संग तेरे, ना तेरे बाद तड़पूंगा,
वफ़ा अपनी, जफ़ा तेरी, ना मैं कर याद भड़कूंगा,
कभी रुकता-ओ-चलता था, ये तेरे आने जाने से,
बड़ा खुश है, के मर्ज़ी से बड़े दिन बाद धड़कूंगा..
ना इक भी अब खुशी, हिस्से की अपने मैं गंवांऊंगा,
तेरी मुस्कान ख़ातिर, अब ना अपनी मैं उड़ाऊंगा,
जियूंगा इस तरह से कुछ मैं, बाकी ज़िन्दगी अपनी,
के तुझको छोड़, बाकी सब पे खुशियां मैं लुटाऊंगा..
हम वो नहीं जो इश्क में रो कर गुज़ार दें,
ReplyDeleteपरछाईं हो तेरी तो ठोकर पे मार दें
वाकिफ हैं हम भी खूब हर इक इंतकाम से......
उम्दा बोल और भाव !
Grt Man ... Bahut sahi ..
ReplyDeleteक्या बात है। बेहद सुन्दर।
ReplyDeleteकाफी गहरे अश`आर हैं...बहुत ही अच्छी कोशिश....
ReplyDeletebhout khoob..
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ReplyDeleteFundaebaazi ki bhi hadd hai sahab.. hame bhi likhna aata hota to kuch likhte tumhari is fundaebaazi par...
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