शुकर है आज शुक्करवार है, घर खुश मैं जाऊंगा,
हंसूंगा, खूब बोलूंगा, थकन सारी मिटाऊंगा..
कोई पिक्चर, कोई नाटक, कोई नॉवल, खबर कोई,
या पत्ते दोस्तों के संग, कोई क्वाटर, बियर कोई,
मैं पूरी रात जागूंगा, सुबह जाकर मैं सोऊंगा,
उठूंगा जब करेगा दिल, नहाऊंगा न धोऊंगा..
न कोई शर्ट, ना ट्राउसर, न कोई बेल्ट, ना जूते,
कोई ढीला सा इक लोअर, टंगी टी-शर्ट जो खूंटे,
मैं खुल के लूंगा अंग्ड़ाई, मैं जी भर के जंभाऊंगा,
जहां खुजली लगेगी, ठीक उस जगहा खुजाऊंगा..
न शाही वेज, न तंदूरी, न कोई और ही धोखा,
मेरे मन में जो आएगा, मेरी थाली में वो होगा,
कहीं से देख रेसीपी, मैं कोई डिश बनाऊंगा,
मिलाके फ़ोन मम्मी को, कहानी फिर सुनाऊंगा..
पुराने दोस्तों से, कुछ पुरानी बात की बातें,
वो कुछ मस्ती भरे किस्से, वो अपनी मौज की रातें,
ज़रा सी देर लम्हों को, मैं कुछ वापस घुमाऊंगा,
किसी को याद कर लूंगा, किसी को याद आऊंगा..
यही दो दिन तो होते हैं, किसी का डर नहीं होता,
यही दो दिन तो होते हैं, कि मैं नौकर नहीं होता,
यही बस सोच कर, फिर से ज़रा दिल को मनाऊंगा,
शुकर है आज शुक्करवार है, घर खुश मैं जाऊंगा..
खुशियाँ मनाइए....
ReplyDeleteहँसते हँसते वीकेंड बिताइए...
:-)
अनु
हासिये गाइए मौज मनाइए,आज शुक्रवार है,,,,
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति,सुंदर रचना,,,,,
WELCOME TO MY RECENT POST ,,,, काव्यान्जलि ,,,, अकेलापन ,,,,
बहुत अच्छा लिखा है हमको भी हंसा दिया इन दो दिन खूब मस्ती करो खुश रहो हमारी भी शुभकामना है
ReplyDeleteआपकी बनाई हुई डिश भी स्वादिष्ट बने - ज़रा ध्यान से कहीं जल-फुँक न जाय!
ReplyDeleteवाह ...बेहतरीन
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
कल 03/06/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteweekend ki kalpana ko bahut hi rochak dhang se prastut kiya hai... badhai ho.
ReplyDeleteकुछ तो खास होना ही चाहिये
ReplyDeleteआम तो सारे रहते ही हैं
बहूत हि बढीया .
ReplyDeleteवीकेंड बिताये तो ऐसे....
सुंदर रचना.....
वाह ! छुट्टी आपकी थी ...लुत्फ़ हमने उठाया ....बहुत खूब !
ReplyDeleteWeekend ka mood sahi capture kiya hai.
ReplyDeleteawesome
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