कभी बादलों से, बरसती हैं बूंदें,
कभी अश्क़ बनकर, तरसती हैं बूदें,
कभी प्यास सबकी, बुझाती हैं बूंदें,
कभी आग़ दिल में, लगाती हैं बूंदें..
कभी बन पसीना, हैं ठंडक दिलाती,
कभी बन परेशानी, माथे पे आती,
हों कम तो हलक को, सुखाती हैं बूंदें,
हों ज़्यादा तो सब कुछ, बहाती हैं बूंदें..
जो बूंदों का संग हो, तो मुस्काए गागर,
जो बूंदो से जुड़ जाएं बूंदे, तो साग़र,
जो ग़र कद्र ना हो, मिटाती हैं बूंदें,
जो सीखो तो जीना, सिखाती हैं बूंदें..
जिसम में, ज़मीं में, हवा में हैं बूंदें,
जहां भी जहां है, जहां में है बूंदें,
जो सोचो तो जीवन, चलाती हैं बूंदें,
जो देखो तो दुनिया, बनाती हैं बूंदे..